Financial crises, Madhya Pradesh

रतलाम विधायक चैतन्य काश्यप ने सदन में की घोषणा, इस बार भी नहीं लेंगे वेतन-भत्ते

रतलाम विधायक चैतन्य काश्यप विधायक के रूप में मिलने वाला वेतन-भत्ते नहीं लेंगे। इस बात का एलान उन्होंने सदन में सबके सामने किया। वे पहले दो बार विधायक रह चुके हैं, दोनों ही बार उन्होंने वेतन-भत्ते नहीं लिए थे।

Ratlam MLA Chaitanya Kashyap announced in the House, will not take salary and allowances this time also

तीसरी बार रतलाम के विधायक बने चैतन्य काश्यप ने एक बार फिर से विधायक के रूप में सरकार से कोई वेतन, भत्ते या पेंशन नहीं लेने का एलान किया है। विधानसभा में भी उन्होंने पहले ही वक्तव्य में विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अपना यह निर्णय रख दिया। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि जब ईश्वर की कृपा से वे जनहित के कार्य करने में सक्षम हैं, तो उन्हें विधायक के रूप में मिलने वाले वेतन-भत्ते और पेंशन का उपयोग शासन जनहित में सीधे कर सकती है। गुरुवार को मध्यप्रदेश विधानसभा के नव नियुक्त विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने रतलाम शहर विधायक चैतन्य काश्यप द्वारा एक महत्वपूर्ण सूचना देने की बात सदन में कही। इसके बाद काश्यप ने सदन में कहा कि राष्ट्रसेवा और जनहित मेरा ध्येय है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए मैं राजीनित में आया हूं। किशोरावस्था से ही समाजसेवा के कार्यों में अग्रसर हूं तथा कई सेवा संस्थानों में प्रकल्पों का संचालन कर रहा हूं। ईश्वर ने इस योग्य बनाया है कि जनसेवा में थोड़ा सा योगदान कर सकूं। इसी तारतम्य में विधायक के रूप में मिलने वाले वेतन भत्ते एवं पेंशन नहीं लेने का निश्चय किया है। पिछली दो विधानसभा में भी भत्ते नहीं लिए थे। मैं चाहता हूं कि मुझे प्राप्त होने वाले भत्ते एवं पेंशन का राज्यकीय कोष से आहरण न हों ताकि उस राशि का सदुपयोग प्रदेश के विकास एवं जनहित के कार्य हो सकें।