MP High Court: सरकार द्वारा पेश आंकड़ों की जांच कर रजिस्ट्रार जनरल प्रस्तुत करें रिपोर्ट, लेट-तफीली पर संज्ञान

सरकार द्वारा पेश आंकड़ों की जांच कर रजिस्ट्रार जनरल को रिपोर्ट देने का निर्देश हुआ है। फॉरेंसिक रिपोर्ट आने में लेट-तफीली पर हाईकोर्ट ने संज्ञान था।

डीएनए-एफएसएल सहित अन्य रिपोर्ट के आने पर लेटलतीफी को संज्ञान याचिका में हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई संज्ञान याचिका के रूप में किए जाने के आदेश जारी किए थे। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने लंबित फॉरेंसिक   रिपोर्ट की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश जारी किए हैं। युगलपीठ ने रजिस्ट्रार जनरल को निर्देशित किया है कि सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के संबंध में हाईकोर्ट की विभिन्न से जानकारी प्राप्त कर रिपोर्ट पेश करें।

गौरतलब है कि डीएनए-एफएसएल रिपोर्ट सहित अन्य रिपोर्ट के आने में लेटलतीफी को हाईकोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के आदेश जारी किये थे। याचिका में कहा गया था कि देर से रिपोर्ट आने के कारण न्यायालय में लंबित प्रकरण की सुनवाई के देरी होती है, जिसके कारण लंबित प्रकरण की संख्या भी बढ़ती है। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश शासन के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से फॉरेंसिक रिपोर्ट पेश करने में प्रगति की रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट के साथ आंकड़ों का भी उल्लेख किया गया था। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी किए हैं। संज्ञान याचिका में हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई संज्ञान याचिका के रूप में किये जाने के आदेश जारी किये थे। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने लंबित फॉरेंसिक रिपोर्ट की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश जारी किये हैं। युगलपीठ ने रजिस्ट्रार जनरल को निर्देशित किया है कि सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के संबंध में हाईकोर्ट की विभिन्न से जानकारी प्राप्त कर रिपोर्ट पेश करें।

गौरतलब है कि डीएनए-एफएसएल रिपोर्ट सहित अन्य रिपोर्ट के आने में लेटलतीफी को हाईकोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के आदेश जारी किए थे। याचिका में कहा गया था कि देर से रिपोर्ट आने के कारण न्यायालय में लंबित प्रकरण की सुनवाई के देरी होती है, जिसके कारण लंबित प्रकरण की संख्या भी बढ़ती है। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश शासन के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से फॉरेंसिक  रिपोर्ट पेष करने में प्रगति की रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट के साथ आंकड़ों का भी उल्लेख किया गया था। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी किए हैं।