विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस से ख़फ़ा ‘इंडिया’ के सहयोगी?- प्रेस रिव्यू

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में आए विधानसभा चुनाव नतीजों को लेकर निराशा ज़ाहिर की. उन्होंने कहा कि ये ‘इंडिया (विपक्षी दलों का गठबंधन) की नहीं बल्कि कांग्रेस की हार है.’ आज कई प्रमुख अख़बारों ने चुनावी हार के बाद विपक्षी राजनीतिक दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन में कांग्रेस पर बढ़ते हमलों को प्रमुखता से छापा है. प्रेस रिव्यू में सबसे पहले यही ख़बर.

अंग्रेज़ी अख़बार ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ ने लिखा है कि ममता बनर्जी ने ये एलान कर दिया है कि वो छह दिसंबर को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर पर होने वाली इंडिया की बैठक में नहीं जाएंगी. ममता बनर्जी ने इसके पीछे ये कारण दिया कि उन्हें ‘पहले नहीं बताया गया था.’ बनर्जी ने कांग्रेस की रणनीति की आलोचना करते हुए ये भी कहा कि चुनावी रणनीति हमेशा सही होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि केवल भाषण देकर चुनाव जीतने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. उन्होंने विपक्षी दलों के बीच उन पार्टियों पर भी निशाना साधा जिन्होंने इन चुनावों में एक-दूसरे के सामने खड़े होकर वोट काटने का काम किया, जिसका फायदा बीजेपी को मिला. बनर्जी की ये आलोचना ऐसे समय आई है जब इंडिया गठबंधन के कई सदस्यों ने सीट शेयर करने में कांग्रेस की अनिच्छा को लेकर नाराज़गी ज़ाहिर की है.

ख़बर के अनुसार शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने भी कांग्रेस के कमलनाथ पर मध्य प्रदेश में एसपी जैसे गठबंधन के सहयोगियों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया. पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में शिवसेना ने कमलनाथ पर ‘इंडिया’ के सिद्धांतों का पालन न करने का आरोप लगाया है. साथ ही कांग्रेस के क्षेत्रीय नेताओं पर राहुल और प्रियंका गांधी के प्रयासों को कमज़ोर करने का आरोप भी लगाया गया है.

हालांकि, उद्धव ठाकरे इंडिया की बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली आएंगे लेकिन पार्टी के सांसद संजय राउत ने बड़ी पार्टियों की प्रवृत्ति को रेखांकित करते हुए कहा कि कांग्रेस जैसे बड़े दल छोटी पार्टियों को साथ लेकर नहीं चल रहे. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी हमलावर रुख अपनाते हुए कहा, “कांग्रेस ने लालची रवैया दिखाया. उसने बीजेपी विरोधी ताकतों को एक साथ लाने की बजाय सबकुछ अपने हाथों में रखने और दबदबा बनाने को चुना. चुनावी नतीजे इसी रवैये का परिणाम है.”

मध्य प्रदेश चुनाव में सीटों के बंटवारे पर अखिलेश यादव पहले ही कांग्रेस से नाराज़गी जता चुके हैं. अब नतीजे आने पर समाजवादी पार्टी के महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने कांग्रेस को सबक लेने की सलाह दी है. उन्होंने कहा, “कांग्रेस को इस चुनाव नतीजे से सबक लेना चाहिए. हम सबको सबक लेना चाहिए. हम सब इसकी समीक्षा करेंगे. 2024 का लोकसभा चुनाव इंडिया गठबंधन को मज़बूत करने के बाद लड़ना चाहिए.”

कांग्रेस पर सीट बंटवारे को लेकर दबाव
अंग्रेज़ी अख़बार हिंदुस्तान टाइम्स लिखता है कि इंडिया गठबंधन के कम से कम दो दलों ने कांग्रेस पर बिना देरी किए 2024 लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर बात शुरू करने का दबाव बनाया है.

अख़बार ने ममता बनर्जी के उस बयान को रेखांकित किया है जिसमें उन्होंने कहा था, “आंकड़े देखिए. बीजेपी बहुत कम अंतर से जीती है. ये विपक्षी दलों के वोट में बंटने की वजह से हुआ है. इसलिए सही तरीके से सीटों का बंटवारा होना चाहिए.” वहीं अखिलेश यादव के बयान को भी जगह दी गई है. सपा प्रमुख ने कहा, “नतीजे आ गए हैं और अहंकार खत्म हो गया.”

साभार: बीबीसी हिंदी, https://www.bbc.com/hindi/articles/c2v243ywlyno