DAVV Indore: कार्यपरिषद की बैठक में मंजूरी के लिए आएगा फैकल्टी का मामला। इसके बाद इसे लागू किया जाएगा।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर जल्द ही अहम कदम उठाने जा रहा है। इसके तहत जिन कालेजों में तय संख्या अनुसार फैकल्टी की नियुक्ति नहीं होगी, उन पर सख्ती की जाएगी। जो कालेज किसी कोर्स में फैकल्टी की कालेज कोड-28 के अंतर्गत होने वाली नियुक्ति का विज्ञापन जारी होने और कमेटी बनने के 365 दिनों के भीतर प्रक्रिया पूरी नहीं करते हैं, तो उन पर डेढ़ लाख रुपये की पेनाल्टी लगाई जाएगी, तब दूसरी बार कमेटी बन सकेगी।
यह मामला कार्यपरिषद की बैठक में भी मंजूरी के लिए आ रहा है। इसके बाद इसे लागू किया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि पिछले तीन सालों में 64 प्रतिशत मामलों में कालेजों ने फैकल्टी यानी लैक्चरर, एसोसिएट प्रोफेसर या प्रोफेसर-प्रिंसिपल की नियुक्ति का विज्ञापन तो जारी किया, विज्ञापन से कमेटी भी बनवा ली, लेकिन नियुक्तियां की ही नहीं।
यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार, प्रक्रिया पूरी करना कालेज कोड-28 के तहत नियुक्तियां कहलाती हैं। इसमें जिस पर फैकल्टी या प्राचार्य की नियुक्ति हो रही है, उसमें गाइडलाइन अनुसार अनुभव, पीएचडी-नेट की अनिवार्यता और रिसर्च पेपर पब्लिकेशन के बिंदुओं को आधार बनाया जाता है।
कालेजों का कहना, सीटें नहीं भर पातीं
कालेजों का तर्क है कि लॉ के सभी कोर्स, बीएड-एमएड, एमए, एमएससी के कुछ स्पेशलाइजेशन ऐसे हैं, जिनमें तमाम प्रयासों के बाद भी कालेज कोड-28 के तहत नियुक्ति के लिए फैकल्टी नहीं मिल पाते हैं। विज्ञापन जारी होने के बाद सालभर तक कोई भी ऐसा आवेदन नहीं आता जो गाइडलाइन की शर्तों को पूरा करता हो। वे नियुक्ति नहीं कर पाते।