महिलाऐं पुरूषों की तुलना में बेहतर वित्तीय प्रबंधक है

जी.एस. कॉलेज, जबलपुर में दिनांक 19 दिसम्‍बर 2023 को स्‍वर्गीय डॉ; श्रीमती शुभदा पाण्‍डेय स्‍मृति अन्‍तर शालेय वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन रोटी क्‍लब, जबलपुर प्रीमियर के संयुक्‍त तत्‍वाधन में महाविद्यालय के मुख्‍य सभागार में आयोजित हुआ। वाद-विवाद का विषय इस सदन की राय में ”महिलाऐं पुरूषों की तुलना में बेहतर वित्‍तीय प्रबंधन है”। कार्यक्रम की शुरूआत सरस्‍वती पूजन एवं दीप प्रज्‍जवलित कर किया गया एवं स्‍वर्गीय डॉ. पाण्‍डेय के तैल चित्र पर माल्‍यार्पण किया। कार्यक्रम संयोजन डॉ. आरती पटेल ने अतिथि स्‍वागत के साथ प्रतिभागी विद्यालयों के संबंध में जानकारी दी कि प्रतियोगिता में पक्ष-विपक्ष में 13 विद्यालयों के विद्यार्थियों ने अपने विचार रखें। विद्यार्थियों ने कहा कि वर्तमान समय में महिलाऐं पुरूषों की तुलना में बहुत अच्‍छा घरेलू प्रबंधन करती है, वे सैद्धांतिक व व्‍यवहारिक पहलुओं को ध्‍यान में रखकर अपने परिवार को संचालन करती है तथा वित्‍त के संबंध में वे पुरूषों की तुलना में बेहतर जमा योजनाओं पर अपना ध्‍यान रखती है तथा समाज को एक नई दिशा प्रदान करती है। इस प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका में डॉ. अरूण कुमार, डॉ. अर्चना सिंह, डॉ. सपना चावला ने अदा की। प्राचार्य डॉ. सुनील पाहवा जी ने कहा कि विद्यार्थी वर्तमान परिपेक्ष्‍य में कहा कि गृहणी पुरूषों की तुलना में बहुत अच्‍छी वित्‍तीय प्रबंधक होती है। वे वित्‍त के संबंध में आय-व्‍यय को संंतुलित करती है। डॉ. अमरेन्‍द्र ने कहा कि युवा वर्ग की चुनौती के लिए यह आवश्‍यक है कि किस प्रकार महिलायें पुुरूषों से बेहतर वित्‍तीय प्रबंधन करती है। श्री शिवेन्‍द्र पाण्‍डेय ने कहा कि आधुनिक युग में जो क्रांति आई है वह महिलाओं के अच्‍छे वित्‍तीय प्रबंधक के कारण।

प्रतियोगिता में क्राईस्ट चर्च व्बायज स्कूल के आयुष देब (कक्षा 11वीं) ने पक्ष में व प्रोद्युम्न सेन (कक्षा 11वीं) ने विपक्ष में सर्वश्रेष्ठ वक्ता का पुरस्कार प्राप्त किया । साथ ही पूरी प्रतियोगिता के विजेता के रूप में क्राईस्ट चर्च ब्वायज स्कूल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया और ट्रॉफी उठायी। सभी विजेताओं को स्‍मृृति चिन्‍ह एवं प्रमाण पत्र देकर सम्‍मानित किया एवं अन्‍य सभी प्रतिभागियों को सांत्‍वना पुुुुुुुरूषकार दिया गया। कार्यक्रम समिति के सभी सदस्‍यों का उल्‍लेखनीय सहयाग रहाा संचालन डॉ. सुनील देशपाण्‍डे एवं आभार डॉ; नीरज केशरवानी द्वारा किया गया।