बीते दिनों आयकर विभाग को ओडिशा से जिस कांग्रेस सांसद धीरज साहू के घर से 300 करोड़ से अधिक कैश मिले थे उन्होंने शुक्रवार को पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, “मैं लगभग 30-35 सालों से सक्रिय राजनीति में हूं. मैं हमेशा चाहता था कि मेरे राजनीतिक जीवन में कभी विवाद न हो. लेकिन अब विवाद हुआ है तो मैं मजबूरन अपने और अपने परिवार के बारे में जानकारी देना चाहता हूं.”
उन्होंने कहा जो भी पैसा मिला है, सारा पैसा मेरा नहीं है. ये मेरे परिवार और दूसरी फर्मों का है. ये कैश मेरी शराब फर्मों से जुड़ा है, क्योंकि शराब व्यवसाय ज़्यादातर नकदी आधारित व्यवसाय है इसलिए हमारे पास कैश रखा रहता है. इसका कांग्रेस और दूसरी पार्टियों से कोई लेना देना नहीं है, जैसा कि कहा जा रहा है. उन्होंने भाजपा के काला धन के आरोपों पर कहा की यह आयकर विभाग जांच के बाद तय करेगा की प्राप्त कैश काला धन है की नहीं. आयकर विभाग ने छापा मारा है और मैं उन्हें हर चीज़ का हिसाब दूंगा. वे बोले की हमारा परिवार करीब १०० वर्षों से शराब के व्यवसाय में है और हमने सरकार को करोड़ों का रेवेनुए भी दिया है. मैं आयकर विभाग की इस छापामारी से बहुत आहत हूँ, मुझे पहले ही मीडिया के समक्ष अपना पक्ष रखना था पर मैं दिल्ली में था और शर्म के कारण सामने नहीं आया.
राज्य सभा की वेबसाइट के अनुसार 23 नवंबर 1955 को रांची में जन्मे धीरज प्रसाद साहू के पिता का नाम राय साहब बलदेव साहू है और मां का नाम सुशीला देवी है. वे तीन बार राज्यसभा सांसद रहे हैं, तीसरी बार वे मई 2018 में राज्य सभा के लिए चुने गए थे. 2018 में राज्य सभा के लिए चुने जाने की प्रक्रिया में धीरज साहू ने जो हलफ़नामा दायर किया था उसमें उन्होंने अपनी संपत्ति 34.83 करोड़ बताई थी और 2.04 करोड़ चल संपत्ति होने का भी दावा किया था.

संपादक: नवनीत माहेश्वरी
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