50 छात्रों की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा प्री एग्जाम 2023 में पूछे गए तीन सवाल के जवाब संदेह के घेरे में है। इसलिए उनका सिलेक्शन प्रारंभिक परीक्षा में नहीं हो पाया।
एमपीपीएससी 2023 की प्री परीक्षा में तीन सवालों के उत्तर विवादित होने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों के तरफ से याचिका पर मुख्य परीक्षा के पहले सुनवाई किए जाने आवेदन पेश किया गया था। जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने आवेदन को स्वीकार करते हुए याचिका पर अगली सुनवाई 7 मार्च को निर्धारित की है। एकलपीठ ने एमपीपीएससी को दस्तावेज पेश करने के आदेश भी जारी किए हैं।
50 छात्रों की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा प्री एग्जाम 2023 में पूछे गए तीन सवाल के जवाब संदेह के घेरे में है। इसलिए उनका सिलेक्शन प्रारंभिक परीक्षा में नहीं हो पाया। उन्हें मुख्य परीक्षा के लिए क्वालीफाई करने के लिए मात्र एक या दो नंबर कम थे। याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश किए गए आवेदन में कहा गया था कि 11 मार्च को मुख्य परीक्षा का आयोजन है। याचिका पर अगली सुनवाई 12 मार्च को निर्धारित है। आवेदन में राहत चाही गई थी कि मुख्य परीक्षा के पहले याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें शामिल करने की अनुमति प्रदान की जाए। एकलपीठ ने आवेदन की सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी किए।