MP News: रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के नौरादेही अभयारण्य में तीसरे चरण में 22 चीतल वन विभाग के द्वारा लाए गए हैं, जिन्हे शनिवार को यहां छोड़ा गया है जो जंगल में विचरण करने लगे हैं।
दमोह के वर्तमान में इस टाइगर रिजर्व में 19 बाघों के साथ ही तेंदुए भी हैं। इस टाइगर रिजर्व को बेहतर बनाने के लिए अधिकारी लगातार पत्राचार के माध्यम से उच्च अधिकारियों को अवगत करा रहे हैं, जिससे यहां की कमियों को पूरा किया जा सके। मांसाहारी जानवरों के साथ शाकाहारी जानवरों की संख्या भी लगातार बड़ रही है।
चीतलों से बड़ी शोभा
नौरादेही अभयारण्य में अभी छह रेंज है, जिसकी शान यहां के चीतल हैं, क्योंकि यह आसानी से लोगों को दिख जाते हैं। जब भी कोई राहगीर झलौन से मुहली तक मुख्य मार्ग से आवागमन करता है तो उसे चीतल और नीलगाय जरूर दिखते हैं। जिसे वह अपने कैमरे में कैद करते हैं। क्योंकि इनके झुंड कभी जंगलों में तो कभी मुख्य मार्गों में घूमते दिखाई देते हैं।
नौरादेही अभयारण्य में वर्तमान समय में शाकाहारी जानवर की अनेक प्रजाति हैं, जिनको पर्यटक देखने पहुंचते हैं। जिनमें हिरण, बंदर, नीलगाय, चिंकारा के साथ अन्य प्रजाति शामिल हैं जो बारिश और ठंड के दिनों में तो बहुत कम, लेकिन गर्मियों के दिनों में ये मुख्य मार्गों तक घूमते रहते हैं। इनका आहार हरी घांस और पेड़ों में लगी पत्तियां होती हैं, जो ठंड और बारिश के दिनों में इनको आसानी से मिल जाती है, लेकिन गर्मियों के दिनों में जब पेड़ पतझड़ बना जाते हैं और जंगल में लगी घांस सूखने लगती है तो ये मुख्य मार्गों की ओर भोजन के लिए पलायन करने लगते हैं।
तीसरी खेप में पहुंचे 22 चीतल
नौरादेही में शनिवार को कान्हा टाइगर रिजर्व 22 चीतल फिर लाये गये हैं, जिनको पूरी सुरक्षा के साथ छोड़ा गया है, ये सभी पूरी तरह स्वस्थ हैं। जानकारी ये भी मिल रही है कि आगामी समय में ये बड़ी तादात में पहुंचेंगे। नौरादेही के डीएफओ अब्दुल अंसारी ने बताया कि टाइगर रिजर्व की कमियों को पूरा करने के लिए लगातार उच्च अधिकारियों को पत्राचार किये जा रहे हैं।